"लोग क्या सोचेंगे" "मुझे आगे बढ़ना नहीं है लोग क्या सोचेंगे मुझे कुछ हटकर करना नहीं है लोग क्या सोचेंगे" यह " लोग क्या सोचेंगे " इन तीन शब्दों ने लोगों को अपने ख्वाबों को पूरा करने से रोक रखा है। इन तीन शब्दों ने लोगों को आगे बढ़ने से रोक रखा है। आखिर क्यों करते है हम इतनी चिंता इन लोगों की सोच की ? आखिर क्यों इतनी अहमियत है इन लोगों की सोच की? आइए जानते है कुछ कारण: • डर (fear) " लोग क्या सोचेंगे " यह एक डर बना दिया है लोगों को कुछ हटकर करने से रोकने के लिए । " एक डर जिससे तुम उम्रभर डरो एक डर जिससे तुम आगे ना बढ़ो" • सामाजिक स्वीकृति (social acceptance) हम सब समाज में अपनी जगह बनाने के लिए हमेशा झुटे रहते है। पर जब इस समाज में कुछ नया करने की सोचते है तो फिर सवाल वही आता है कि " लोग क्या सोचेंगे " • एक दूसरे से तुलना ( comparison with others) एक कारण यह भी है कि हम खुद की तुलना दूसरो से भी करते है । खुद की चीजो में हमें कभी संतुष्टि नहीं मिलती । और इसी कारण हम खुद को कम सफल समझते ह...
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